कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَإِذَا ٱلسَّمَآءُ كُشِطَتۡ

और जब आकाश उधेड़ दिया जाएगा।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 11

وَإِذَا ٱلۡجَحِيمُ سُعِّرَتۡ

और जब जहन्नम दहकाई जाएगी।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 12

وَإِذَا ٱلۡجَنَّةُ أُزۡلِفَتۡ

और जब जन्नत क़रीब लाई जाएगी।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 13

عَلِمَتۡ نَفۡسٞ مَّآ أَحۡضَرَتۡ

तो प्रत्येक प्राणी जान लेगा कि वह क्या लेकर आया है।[2]

तफ़्सीर:

2. (7-14) इन आयतों में प्रलय के दूसरे चरण की दशा को दर्शाया गया है कि इनसानों की आस्था और कर्मों के अनुसार श्रेणियाँ बनेंगी। नृशंसितों (मज़लूमों) के साथ न्याय किया जाएगा। कर्म-पत्र खोल दिए जाएँगे। नरक भड़काई जाएगी। स्वर्ग सामने कर दिया जाएगा। और उस समय सभी को वास्तविकता का ज्ञान हो जाएगा। इस्लाम के उदय के समय अरब में कुछ लोग पुत्रियों को जन्म लेते ही जीवित गाड़ दिया करते थे। इस्लाम ने नारियों को जीवन प्रदान किया। और उन्हें जीवित गाड़ देने को घोर अपराध घोषित किया। आयत संख्या 8 में उन्हीं नृशंस अपराधियों को धिक्कारा गया है।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 14

فَلَآ أُقۡسِمُ بِٱلۡخُنَّسِ

मैं क़सम खाता हूँ पीछे हटने वाले सितारों की।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 15

ٱلۡجَوَارِ ٱلۡكُنَّسِ

चलने वाले, छिप जाने वाले तारों की।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 16

وَٱلَّيۡلِ إِذَا عَسۡعَسَ

और रात की (क़सम), जब वह आती और जाती है।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 17

وَٱلصُّبۡحِ إِذَا تَنَفَّسَ

तथा सुबह की, जब वह रौशन होने लगे।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 18

إِنَّهُۥ لَقَوۡلُ رَسُولٖ كَرِيمٖ

निःसंदेह यह (क़ुरआन) एक आदरणीय संदेशवाहक की लाई हुई वाणी है।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 19

ذِي قُوَّةٍ عِندَ ذِي ٱلۡعَرۡشِ مَكِينٖ

जो शक्तिशाली है, अर्श (सिंहासन) वाले के पास उच्च पद वाला है।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 20

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