कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

مُّطَاعٖ ثَمَّ أَمِينٖ

उसकी वहाँ (आसमानों में) बात मानी जाती है और बड़ा विश्वसनीय है।[3]

तफ़्सीर:

3. (15-21) तारों की व्यवस्था गति तथा अँधेरे के पश्चात् नियमित रूप से उजाला की शपथ इस बात की गवाही है कि क़ुरआन ज्योतिष की बकवास नहीं। बल्कि यह ईश-वाणी है। जिसको एक शक्तिशाली तथा सम्मान वाला फ़रिश्ता लेकर मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया। और अमानतदारी से इसे पहुँचाया।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 21

وَمَا صَاحِبُكُم بِمَجۡنُونٖ

और तुम्हारा साथी कोई दीवाना नहीं हैं।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 22

وَلَقَدۡ رَءَاهُ بِٱلۡأُفُقِ ٱلۡمُبِينِ

और निश्चय उन्होंने उस (जिबरील) को स्पष्ट क्षितिज पर देखा है।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 23

وَمَا هُوَ عَلَى ٱلۡغَيۡبِ بِضَنِينٖ

और वह परोक्ष (ग़ैब) की बातें बताने में कृपण नहीं हैं।[4]

तफ़्सीर:

4. (22-24) इनमें यह चेतावनी दी गई है कि महा ईशदूत (मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जो सुना रहे हैं, और जो फ़रिश्ता वह़्य (प्रकाशना) लाता है, उन्होंने उसे देखा है। वह परोक्ष की बातें प्रस्तुत कर रहे हैं, कोई ज्योतिष की बात नहीं, जो धिक्कारे शौतान ज्योतिषियों को दिया करते हैं।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 24

وَمَا هُوَ بِقَوۡلِ شَيۡطَٰنٖ رَّجِيمٖ

और यह (क़ुरआन) किसी धिक्कारे हुए शैतान की वाणी नहीं है।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 25

فَأَيۡنَ تَذۡهَبُونَ

फिर तुम कहाँ जा रहे हो?

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 26

إِنۡ هُوَ إِلَّا ذِكۡرٞ لِّلۡعَٰلَمِينَ

यह तो समस्त संसार वालों के लिए एक उपदेश है।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 27

لِمَن شَآءَ مِنكُمۡ أَن يَسۡتَقِيمَ

उसके लिए, जो तुममें से सीधे मार्ग पर चलना चाहे।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 28

وَمَا تَشَآءُونَ إِلَّآ أَن يَشَآءَ ٱللَّهُ رَبُّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

तथा तुम कुछ नहीं चाह सकते, सिवाय इसके कि सर्व संसार का पालनहार अल्लाह चाहे।[5]

तफ़्सीर:

5. (27-29) इन साक्ष्यों के पश्चात सावधान किया गया है कि क़ुरआन मात्र याद-दहानी है। इस विश्व में इसके सत्य होने के सभी लक्षण सबके सामने हैं। इनका अध्ययन करके स्वयं सत्य की राह अपना लो, अन्यथा अपना ही बिगाड़ोगे।

सूरह का नाम : At-Takweer   सूरह नंबर : 81   आयत नंबर: 29

नूजलेटर के लिए साइन अप करें