कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

أَمۡ عِندَهُمُ ٱلۡغَيۡبُ فَهُمۡ يَكۡتُبُونَ

या उनके पास परोक्ष (का ज्ञान) है? तो वे उसे लिखते[13] रहते हैं।

तफ़्सीर:

13. इसीलिए इस वह़्य (क़ुरआन) को नहीं मानते हैं।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 41

أَمۡ يُرِيدُونَ كَيۡدٗاۖ فَٱلَّذِينَ كَفَرُواْ هُمُ ٱلۡمَكِيدُونَ

या वे कोई चाल चलना चाहते हैं? तो जिन लोगों ने इनकार किया, वही चाल में आने वाले हैं।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 42

أَمۡ لَهُمۡ إِلَٰهٌ غَيۡرُ ٱللَّهِۚ سُبۡحَٰنَ ٱللَّهِ عَمَّا يُشۡرِكُونَ

या उनका अल्लाह के सिवा कोई पूज्य है? पवित्र है अल्लाह उससे जो वे साझी ठहराते हैं।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 43

وَإِن يَرَوۡاْ كِسۡفٗا مِّنَ ٱلسَّمَآءِ سَاقِطٗا يَقُولُواْ سَحَابٞ مَّرۡكُومٞ

और यदि वे आकाश से कोई टुकड़ा गिरता हुआ देख लें, तो कह देंगे कि यह परत दर परत बादल है।[14]

तफ़्सीर:

14. अर्थात तब भी अपने कुफ़्र से नहीं रुकेंगे जब तक कि उनपर यातना न आ जाए।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 44

فَذَرۡهُمۡ حَتَّىٰ يُلَٰقُواْ يَوۡمَهُمُ ٱلَّذِي فِيهِ يُصۡعَقُونَ

अतः आप उन्हें छोड़ दें, यहाँ तक कि वे अपने उस दिन को जा मिलें, जिसमें[15] वे बेहोश किए जाएँगे।

तफ़्सीर:

15. अर्थात प्रलय के दिन।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 45

يَوۡمَ لَا يُغۡنِي عَنۡهُمۡ كَيۡدُهُمۡ شَيۡـٔٗا وَلَا هُمۡ يُنصَرُونَ

जिस दिन न तो उनकी चाल काम आएगी और न उनकी सहायता की जाएगी।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 46

وَإِنَّ لِلَّذِينَ ظَلَمُواْ عَذَابٗا دُونَ ذَٰلِكَ وَلَٰكِنَّ أَكۡثَرَهُمۡ لَا يَعۡلَمُونَ

तथा निश्चय उन लोगों के लिए जिन्होंने अत्याचार किया, उस (आख़िरत) से पहले भी एक यातना[16] है। परंतु उनमें से अक्सर लोग नहीं जानते।

तफ़्सीर:

16. इससे संकेत सांसारिक यातनाओं की ओर है। (देखिए : सूरतुस-सजदा, आयत : 21)

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 47

وَٱصۡبِرۡ لِحُكۡمِ رَبِّكَ فَإِنَّكَ بِأَعۡيُنِنَاۖ وَسَبِّحۡ بِحَمۡدِ رَبِّكَ حِينَ تَقُومُ

और (ऐ नबी!) आप अपने पालनहार का आदेश आने तक धैर्य रखें। निःसंदेह आप हमारी आँखों के सामने हैं। तथा जब आप उठें, तो अपने रब की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करें।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 48

وَمِنَ ٱلَّيۡلِ فَسَبِّحۡهُ وَإِدۡبَٰرَ ٱلنُّجُومِ

तथा रात के कुछ भाग में फिर उसकी पवित्रता का वर्णन करें और सितारों के चले जाने के बाद भी।[17]

तफ़्सीर:

17. रात्रि में तथा तारों के डूबने के बाद से संकेत मग़्रिब तथा इशा और फ़ज्र की नमाज़ की ओर है जिनमें ये सब नमाजें पढ़ी जाती हैं।

सूरह का नाम : At-Tur   सूरह नंबर : 52   आयत नंबर: 49

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