कुरान उद्धरण :  Were the Truth to follow their desires, the order of the heavens and the earth and those who dwell in them would have been ruined -
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَأَصَابَهُمۡ سَيِّـَٔاتُ مَا كَسَبُواْۚ وَٱلَّذِينَ ظَلَمُواْ مِنۡ هَـٰٓؤُلَآءِ سَيُصِيبُهُمۡ سَيِّـَٔاتُ مَا كَسَبُواْ وَمَا هُم بِمُعۡجِزِينَ

तो उनपर उनके कर्मों की बुराइयाँ आ पड़ीं। और इनमें से जिन लोगों ने अत्याचार किया, उनपर उनके कर्मों की बुराइयाँ आ पड़ेंगी। और वे (हमें) विवश करने वाले नहीं हैं।

أَوَلَمۡ يَعۡلَمُوٓاْ أَنَّ ٱللَّهَ يَبۡسُطُ ٱلرِّزۡقَ لِمَن يَشَآءُ وَيَقۡدِرُۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَٰتٖ لِّقَوۡمٖ يُؤۡمِنُونَ

क्या उन्हें मालूम नहीं कि अल्लाह जिसके लिए चाहता है, रोज़ी कुशादा कर देता है, और (जिसे चाहता है) नापकर देता है? निश्चय इसमें बहुत-सी निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो ईमान लाते हैं।

۞قُلۡ يَٰعِبَادِيَ ٱلَّذِينَ أَسۡرَفُواْ عَلَىٰٓ أَنفُسِهِمۡ لَا تَقۡنَطُواْ مِن رَّحۡمَةِ ٱللَّهِۚ إِنَّ ٱللَّهَ يَغۡفِرُ ٱلذُّنُوبَ جَمِيعًاۚ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلۡغَفُورُ ٱلرَّحِيمُ

(ऐ नबी!) आप मेरे उन बंदों से कह दें, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार किए हैं कि तुम अल्लाह की दया से निराश न हो।[11] निःसंदेह अल्लाह सब पापों को क्षमा कर देता है। निःसंदेह वही तो अति क्षमाशील, अत्यंत दयावान् है।

وَأَنِيبُوٓاْ إِلَىٰ رَبِّكُمۡ وَأَسۡلِمُواْ لَهُۥ مِن قَبۡلِ أَن يَأۡتِيَكُمُ ٱلۡعَذَابُ ثُمَّ لَا تُنصَرُونَ

तथा अपने पालनहार की ओर झुक पड़ो और उसके आज्ञाकारी हो जाओ, इससे पहले कि तुमपर यातना आ जाए, फिर तुम्हारी सहायता न की जाए।

وَٱتَّبِعُوٓاْ أَحۡسَنَ مَآ أُنزِلَ إِلَيۡكُم مِّن رَّبِّكُم مِّن قَبۡلِ أَن يَأۡتِيَكُمُ ٱلۡعَذَابُ بَغۡتَةٗ وَأَنتُمۡ لَا تَشۡعُرُونَ

तथा उस सबसे उत्तम वाणी का पालन करो, जो अल्लाह की ओर से तुम्हारी तरफ़ उतारी गई है, इससे पूर्व कि तुमपर यातना आ पड़े और तुम्हें एहसास तक न हो।

أَن تَقُولَ نَفۡسٞ يَٰحَسۡرَتَىٰ عَلَىٰ مَا فَرَّطتُ فِي جَنۢبِ ٱللَّهِ وَإِن كُنتُ لَمِنَ ٱلسَّـٰخِرِينَ

(ऐसा न हो कि) कोई व्यक्ति कहे कि अफ़सोस है उस कोताही पर, जो मैंने अल्लाह के हक में की तथा मैं उपहास करने वालों में रह गया।

أَوۡ تَقُولَ لَوۡ أَنَّ ٱللَّهَ هَدَىٰنِي لَكُنتُ مِنَ ٱلۡمُتَّقِينَ

या फिर कहे कि यदि अल्लाह मुझे सीधा रास्ता दिखाता, तो मैं डरने वालों में से हो जाता।

أَوۡ تَقُولَ حِينَ تَرَى ٱلۡعَذَابَ لَوۡ أَنَّ لِي كَرَّةٗ فَأَكُونَ مِنَ ٱلۡمُحۡسِنِينَ

या जब यातना को देख ले, तो कहने लगे कि अगर मुझे (संसार की ओर) वापस जाने का अवसर मिले, तो मैं अवश्य सदाचारियों में से हो जाऊँगा।

بَلَىٰ قَدۡ جَآءَتۡكَ ءَايَٰتِي فَكَذَّبۡتَ بِهَا وَٱسۡتَكۡبَرۡتَ وَكُنتَ مِنَ ٱلۡكَٰفِرِينَ

हाँ, तुम्हारे पास मेरी निशानियाँ आईं, तो तुमने उन्हें झुठला दिया और अभिमान किया तथा तुम थे ही काफ़िरों में से।

وَيَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِ تَرَى ٱلَّذِينَ كَذَبُواْ عَلَى ٱللَّهِ وُجُوهُهُم مُّسۡوَدَّةٌۚ أَلَيۡسَ فِي جَهَنَّمَ مَثۡوٗى لِّلۡمُتَكَبِّرِينَ

और क़ियामत के दिन आप उन लोगों को देखेंगे, जिन्होंने अल्लाह पर झूठ बोला कि उनके चेहरे काले होंगे। तो क्या अभिमानियों का ठिकाना जहन्नम में नहीं है?

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