कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَيُنَجِّي ٱللَّهُ ٱلَّذِينَ ٱتَّقَوۡاْ بِمَفَازَتِهِمۡ لَا يَمَسُّهُمُ ٱلسُّوٓءُ وَلَا هُمۡ يَحۡزَنُونَ

तथा अल्लाह उन लोगों को उनकी सफलता के साथ बचा लेगा, जो आज्ञाकारी रहे। न उन्हें कोई तकलीफ छुएगी और न वे शोकाकुल होंगे।

ٱللَّهُ خَٰلِقُ كُلِّ شَيۡءٖۖ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَيۡءٖ وَكِيلٞ

अल्लाह ही प्रत्येक वस्तु का पैदा करने वाला है तथा वही प्रत्येक वस्तु का संरक्षक है।

لَّهُۥ مَقَالِيدُ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۗ وَٱلَّذِينَ كَفَرُواْ بِـَٔايَٰتِ ٱللَّهِ أُوْلَـٰٓئِكَ هُمُ ٱلۡخَٰسِرُونَ

आकाशों तथा धरती की कुंजियाँ[12] उसी के पास हैं तथा जिन लोगों ने अल्लाह की आयतों का इनकार किया, वही लोग घाटा उठाने वाले हैं।

قُلۡ أَفَغَيۡرَ ٱللَّهِ تَأۡمُرُوٓنِّيٓ أَعۡبُدُ أَيُّهَا ٱلۡجَٰهِلُونَ

आप कह दें के ऐ अज्ञानो! क्या तुम मुझे आदेश देते हो कि मैं अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत (वंदना) करूँ?

وَلَقَدۡ أُوحِيَ إِلَيۡكَ وَإِلَى ٱلَّذِينَ مِن قَبۡلِكَ لَئِنۡ أَشۡرَكۡتَ لَيَحۡبَطَنَّ عَمَلُكَ وَلَتَكُونَنَّ مِنَ ٱلۡخَٰسِرِينَ

और निःसंदेह तुम्हारी ओर एवं तुमसे पहले के नबियों की ओर वह़्य की गई है कि यदि तुमने शिर्क किया, तो निश्चय तुम्हारा कर्म अवश्य नष्ट हो जाएगा और तुम निश्चित रूप से हानि उठाने वालों में से हो जाओगे।[13]

بَلِ ٱللَّهَ فَٱعۡبُدۡ وَكُن مِّنَ ٱلشَّـٰكِرِينَ

बल्कि आप अल्लाह ही की इबादत (वंदना) करें तथा शुक्र करने वालों में से हो जाएँ।

وَمَا قَدَرُواْ ٱللَّهَ حَقَّ قَدۡرِهِۦ وَٱلۡأَرۡضُ جَمِيعٗا قَبۡضَتُهُۥ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِ وَٱلسَّمَٰوَٰتُ مَطۡوِيَّـٰتُۢ بِيَمِينِهِۦۚ سُبۡحَٰنَهُۥ وَتَعَٰلَىٰ عَمَّا يُشۡرِكُونَ

तथा उन्होंने अल्लाह का सम्मान नहीं किया, जैसे उसका सम्मान करना चाहिए था और क़ियामत के दिन पूरी धरती उसकी एक मुट्ठी में होगी, तथा आकाश उसके दाएँ हाथ[14] में लिपटे होंगे। वह उस शिर्क से पवित्र तथा उच्च है, जो वे कर रहे हैं।

وَنُفِخَ فِي ٱلصُّورِ فَصَعِقَ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَن فِي ٱلۡأَرۡضِ إِلَّا مَن شَآءَ ٱللَّهُۖ ثُمَّ نُفِخَ فِيهِ أُخۡرَىٰ فَإِذَا هُمۡ قِيَامٞ يَنظُرُونَ

तथा सूर (नरसिंघा) में फूँक[15] मारी जाएगी, तो जो कोई आकाशों और धरती में होगा, बेहोश हो जाएगा। सिवाय उसके, जिसको अल्लाह चाहे। फिर उसमें पुनः फूँक मारी जाएगी, तो अचानक सब खड़े होकर देखने लगेंगे।

وَأَشۡرَقَتِ ٱلۡأَرۡضُ بِنُورِ رَبِّهَا وَوُضِعَ ٱلۡكِتَٰبُ وَجِاْيٓءَ بِٱلنَّبِيِّـۧنَ وَٱلشُّهَدَآءِ وَقُضِيَ بَيۡنَهُم بِٱلۡحَقِّ وَهُمۡ لَا يُظۡلَمُونَ

तथा धरती अपने पालनहार की ज्योति से जगमगाने लगेगी, और कर्मलेख (खोलकर लोगों के आगे) रख दिए जाएँगे, तथा नबियों और साक्षियों को लाया जाएगा, और उनके बीच सत्य के साथ निर्णय कर दिया जाएगा और उनपर अत्याचार नहीं किया जाएगा।

وَوُفِّيَتۡ كُلُّ نَفۡسٖ مَّا عَمِلَتۡ وَهُوَ أَعۡلَمُ بِمَا يَفۡعَلُونَ

तथा प्रत्येक प्राणी को उसके कर्म का पूरा-पूरा फल दिया जाएगा। तथा वह भली-भाँति जानता है उसे, जो वे करते हैं।

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