कुरान उद्धरण :  Allah will surely admit heaven those who believe in Him and hold fast to Him -
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ خَسِرُوٓاْ أَنفُسَهُمۡ وَضَلَّ عَنۡهُم مَّا كَانُواْ يَفۡتَرُونَ

ये वही लोग हैं, जिन्होंने अपने आपको घाटे में डाला और वह सब कुछ उनसे खो गया, जो वे झूठ गढ़ा करते थे।

لَا جَرَمَ أَنَّهُمۡ فِي ٱلۡأٓخِرَةِ هُمُ ٱلۡأَخۡسَرُونَ

इसमें कोई संदेह नहीं कि यही लोग आख़िरत में सबसे अधिक घाटा उठाने वाले हैं।

إِنَّ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ وَأَخۡبَتُوٓاْ إِلَىٰ رَبِّهِمۡ أُوْلَـٰٓئِكَ أَصۡحَٰبُ ٱلۡجَنَّةِۖ هُمۡ فِيهَا خَٰلِدُونَ

निःसंदेह जो लोग ईमान लाए और अच्छे कार्य किए, तथा अपने पालनहार के सामने विनम्रता प्रकट की, वही लोग जन्नत वाले हैं। वे उसमें हमेशा रहेंगे।

۞مَثَلُ ٱلۡفَرِيقَيۡنِ كَٱلۡأَعۡمَىٰ وَٱلۡأَصَمِّ وَٱلۡبَصِيرِ وَٱلسَّمِيعِۚ هَلۡ يَسۡتَوِيَانِ مَثَلًاۚ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ

दोनों पक्षों का उदाहरण अंधे और बहरे तथा देखने और सुनने वाले की तरह है। क्या ये दोनों उदाहरण में बराबर हो सकते हैं? क्या तुम (इससे) नसीहत नहीं पकड़ते?[7]

وَلَقَدۡ أَرۡسَلۡنَا نُوحًا إِلَىٰ قَوۡمِهِۦٓ إِنِّي لَكُمۡ نَذِيرٞ مُّبِينٌ

और हमने नूह़ को उसकी जाति की ओर रसूल बनाकर भेजा। (उन्होंने कहा :) निःसंदेह मैं तुम्हें साफ़-साफ़ सावधान करने वाला हूँ।

أَن لَّا تَعۡبُدُوٓاْ إِلَّا ٱللَّهَۖ إِنِّيٓ أَخَافُ عَلَيۡكُمۡ عَذَابَ يَوۡمٍ أَلِيمٖ

कि तुम केवल अल्लाह की इबादत करो। निःसंदेह मैं तुमपर एक दर्दनाक दिन की यातना से डरता हूँ।

فَقَالَ ٱلۡمَلَأُ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ مِن قَوۡمِهِۦ مَا نَرَىٰكَ إِلَّا بَشَرٗا مِّثۡلَنَا وَمَا نَرَىٰكَ ٱتَّبَعَكَ إِلَّا ٱلَّذِينَ هُمۡ أَرَاذِلُنَا بَادِيَ ٱلرَّأۡيِ وَمَا نَرَىٰ لَكُمۡ عَلَيۡنَا مِن فَضۡلِۭ بَلۡ نَظُنُّكُمۡ كَٰذِبِينَ

तो उनकी जाति के उन प्रमुखों ने कहा, जिन्होंने कुफ्र किया था : हम तो तुम्हें अपने ही जैसा इनसान समझते हैं और हम देख रहे हैं कि तुम्हारा अनुसरण केवल वही लोग कर रहे हैं, जो हम में नीच हैं, जिन्होंने बिना सोचे-समझे तुम्हारी पैरवी की है।और हम अपने ऊपर तुम्हारी कोई श्रेष्ठता भी नहीं देखते। बल्कि हम तो तुम्हें झूठा समझते हैं।

قَالَ يَٰقَوۡمِ أَرَءَيۡتُمۡ إِن كُنتُ عَلَىٰ بَيِّنَةٖ مِّن رَّبِّي وَءَاتَىٰنِي رَحۡمَةٗ مِّنۡ عِندِهِۦ فَعُمِّيَتۡ عَلَيۡكُمۡ أَنُلۡزِمُكُمُوهَا وَأَنتُمۡ لَهَا كَٰرِهُونَ

नूह़ ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुमने इस बात पर विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपने पास से दया[8] प्रदान की हो, फिर वह तुम्हें सुझाई न दे, तो क्या हम तुम्हें उसको मानने पर मजबूर[9] कर सकते हैं, जबकि तुम उसे नापसंद करते हो?

وَيَٰقَوۡمِ لَآ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَيۡهِ مَالًاۖ إِنۡ أَجۡرِيَ إِلَّا عَلَى ٱللَّهِۚ وَمَآ أَنَا۠ بِطَارِدِ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓاْۚ إِنَّهُم مُّلَٰقُواْ رَبِّهِمۡ وَلَٰكِنِّيٓ أَرَىٰكُمۡ قَوۡمٗا تَجۡهَلُونَ

और ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं इस (संदेश के प्रचार) पर तुमसे कोई धन नहीं माँगता। मेरा बदला बस अल्लाह के ऊपर है। और मैं (अपने यहाँ से) उन लोगों को दूर नहीं हटा सकता, जो ईमान लाए हैं। निःसंदेह वे अपने पालनहार से मिलने वाले हैं। परन्तु मैं देख रहा हूँ कि तुम जाहिलों जैसी बातें कर रहे हो।

وَيَٰقَوۡمِ مَن يَنصُرُنِي مِنَ ٱللَّهِ إِن طَرَدتُّهُمۡۚ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ

और ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह के मुक़ाबले में कौन मेरी सहायता[10] करेगा, यदि मैं उन्हें अपने पास से निष्कासित कर दूँ? क्या तुम विचार नहीं करते?

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