कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

كٓهيعٓصٓ

काफ़, हा, या, ऐन, स़ाद।

ذِكۡرُ رَحۡمَتِ رَبِّكَ عَبۡدَهُۥ زَكَرِيَّآ

(यह) आपके पालनहार की अपने बंदे ज़करिय्या पर दया की चर्चा है।

إِذۡ نَادَىٰ رَبَّهُۥ نِدَآءً خَفِيّٗا

जब उसने अपने पालनहार को गुप्त स्वर में पुकारा।

قَالَ رَبِّ إِنِّي وَهَنَ ٱلۡعَظۡمُ مِنِّي وَٱشۡتَعَلَ ٱلرَّأۡسُ شَيۡبٗا وَلَمۡ أَكُنۢ بِدُعَآئِكَ رَبِّ شَقِيّٗا

उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निश्चय मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गईं और सिर बुढ़ापे से सफेद[1] हो गया, तथा ऐ मेरे पालनहार! मैं तुझे पुकारकर कभी असफल नहीं हुआ।

وَإِنِّي خِفۡتُ ٱلۡمَوَٰلِيَ مِن وَرَآءِي وَكَانَتِ ٱمۡرَأَتِي عَاقِرٗا فَهَبۡ لِي مِن لَّدُنكَ وَلِيّٗا

और निःसंदेह मैं अपने पीछे रिश्तेदारों से डरता हूँ, और मेरी पत्नी आरंभ से बाँझ है, अतः मुझे अपनी ओर से एक उत्तराधिकारी प्रदान कर दे।

يَرِثُنِي وَيَرِثُ مِنۡ ءَالِ يَعۡقُوبَۖ وَٱجۡعَلۡهُ رَبِّ رَضِيّٗا

जो मेरा उत्तराधिकारी हो तथा याक़ूब के वंश का उत्तराधिकारी[2] हो और ऐ मेरे पालनहार! उसे पसंदीदा बना दे।

يَٰزَكَرِيَّآ إِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلَٰمٍ ٱسۡمُهُۥ يَحۡيَىٰ لَمۡ نَجۡعَل لَّهُۥ مِن قَبۡلُ سَمِيّٗا

ऐ ज़करिय्या! निःसंदेह हम तुझे एक बालक की शुभ सूचना देते हैं, जिसका नाम यह़्या है। हमने इससे पहले उसका कोई समनाम नहीं बनाया।

قَالَ رَبِّ أَنَّىٰ يَكُونُ لِي غُلَٰمٞ وَكَانَتِ ٱمۡرَأَتِي عَاقِرٗا وَقَدۡ بَلَغۡتُ مِنَ ٱلۡكِبَرِ عِتِيّٗا

उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे यहाँ बालक कैसे होगा, जबकि मेरी पत्नी शुरू से बाँझ है और मैं बुढ़ापे की अंतिम सीमा को पहुँच गया हूँ।

قَالَ كَذَٰلِكَ قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَيَّ هَيِّنٞ وَقَدۡ خَلَقۡتُكَ مِن قَبۡلُ وَلَمۡ تَكُ شَيۡـٔٗا

उसने कहा : ऐसा ही है, तेरे पालनहार ने कहा है : यह मेरे लिए सरल है, और निश्चय मैंने तुझे इससे पहले पैदा किया, जबकि तू कुछ भी नहीं था।

قَالَ رَبِّ ٱجۡعَل لِّيٓ ءَايَةٗۖ قَالَ ءَايَتُكَ أَلَّا تُكَلِّمَ ٱلنَّاسَ ثَلَٰثَ لَيَالٖ سَوِيّٗا

उस (ज़करिय्या) ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए कोई निशानी निर्धारित कर दे। (अल्लाह ने) फरमाया : तेरी निशानी यह है कि तू स्वस्थ होते हुए लोगों से तीन रातों तक बात नहीं करेगा।[3]

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