कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱتَّخَذُواْ مِن دُونِ ٱللَّهِ ءَالِهَةٗ لِّيَكُونُواْ لَهُمۡ عِزّٗا

तथा उन्होंने अल्लाह के सिवा अन्य पूज्य बना लिए, ताकि वे उनके लिए सम्मान का कारण हों।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 81

كَلَّاۚ سَيَكۡفُرُونَ بِعِبَادَتِهِمۡ وَيَكُونُونَ عَلَيۡهِمۡ ضِدًّا

ऐसा कभी नहीं होगा, जल्द ही वे उनकी पूजा का इनकार[19] कर देंगे और उनके खिलाफ (विरोधी) हो जाएँगे।

तफ़्सीर:

19. अर्थात प्रलय के दिन।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 82

أَلَمۡ تَرَ أَنَّآ أَرۡسَلۡنَا ٱلشَّيَٰطِينَ عَلَى ٱلۡكَٰفِرِينَ تَؤُزُّهُمۡ أَزّٗا

क्या आपने नहीं देखा कि हमने शैतानों को काफ़िरों पर छोड़ रखा है, वे उन्हें ख़ूब उकसाते रहते हैं?

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 83

فَلَا تَعۡجَلۡ عَلَيۡهِمۡۖ إِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمۡ عَدّٗا

अतः आपर उनपर जल्दी न करें [1], हम तो केवल उनके लिए (दिन) गिन रहे हैं।

तफ़्सीर:

20. अर्थात उनपर शीघ्र यातना उतारने की माँग ने करें। इसके लिए केवल उनकी आयु पूरी होने की देर है।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 84

يَوۡمَ نَحۡشُرُ ٱلۡمُتَّقِينَ إِلَى ٱلرَّحۡمَٰنِ وَفۡدٗا

जिस दिन हम परहेज़गारों को रहमान के पास मेहमान बनाकर इकट्ठा करेंगे।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 85

وَنَسُوقُ ٱلۡمُجۡرِمِينَ إِلَىٰ جَهَنَّمَ وِرۡدٗا

तथा अपराधियों को नरक की ओर प्यासे हाँककर ले जाएँगे।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 86

لَّا يَمۡلِكُونَ ٱلشَّفَٰعَةَ إِلَّا مَنِ ٱتَّخَذَ عِندَ ٱلرَّحۡمَٰنِ عَهۡدٗا

वे सिफारिश का अधिकार नहीं रखेंगे, सिवाय उसके जिसने रहमान के पास कोई प्रतिज्ञा प्राप्त कर ली हो।[21]

तफ़्सीर:

21. अर्थात अल्लाह की अनुमति से वही सिफ़ारिश करेगा जो ईमान लाया है।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 87

وَقَالُواْ ٱتَّخَذَ ٱلرَّحۡمَٰنُ وَلَدٗا

तथा उन्होंने कहा कि रहमान ने संतान बना रखी है।[22]

तफ़्सीर:

22. अर्थात ईसाइयों ने - जैसा कि इस सूरत के आरंभ में आया है - ईसा अलैहिस्सलाम को अल्लाह का पुत्र बना लिया। और इस भ्रम में पड़ गए कि उन्होंने मनुष्य के पापों का प्रायश्चित कर दिया। इस आयत में इसी गलत धारणा का खंडन किया जा रहा है।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 88

لَّقَدۡ جِئۡتُمۡ شَيۡـًٔا إِدّٗا

निश्चय ही तुम एक बड़ी भारी बात गढ़कर लाए हो।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 89

تَكَادُ ٱلسَّمَٰوَٰتُ يَتَفَطَّرۡنَ مِنۡهُ وَتَنشَقُّ ٱلۡأَرۡضُ وَتَخِرُّ ٱلۡجِبَالُ هَدًّا

समीप है कि इस कथन के कारण आकाश फट पड़ें तथा धरती चिर जाए और और पहाड़ ध्वस्त होकर गिर पड़ें।

सूरह का नाम : Maryam   सूरह नंबर : 19   आयत नंबर: 90

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