कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

رِّزۡقٗا لِّلۡعِبَادِۖ وَأَحۡيَيۡنَا بِهِۦ بَلۡدَةٗ مَّيۡتٗاۚ كَذَٰلِكَ ٱلۡخُرُوجُ

बंदों को रोज़ी देने के लिए। तथा हमने उसके साथ एक मुर्दा शहर को जीवित कर दिया। इसी प्रकार निकलना है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 11

كَذَّبَتۡ قَبۡلَهُمۡ قَوۡمُ نُوحٖ وَأَصۡحَٰبُ ٱلرَّسِّ وَثَمُودُ

इनसे पहले नूह की जाति ने और कुएँ वालों ने और समूद ने झुठलाया।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 12

وَعَادٞ وَفِرۡعَوۡنُ وَإِخۡوَٰنُ لُوطٖ

तथा आद और फ़िरऔन ने और लूत के भाइयों ने।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 13

وَأَصۡحَٰبُ ٱلۡأَيۡكَةِ وَقَوۡمُ تُبَّعٖۚ كُلّٞ كَذَّبَ ٱلرُّسُلَ فَحَقَّ وَعِيدِ

तथा ''ऐका'' के वासियों ने और ''तुब्बा''[3] की जाति ने। प्रत्येक ने रसूलों को झुठलाया।[4] तो उनपर मेरे अज़ाब का वादा साबित हो गया।

तफ़्सीर:

3. देखिए : सूरतुद्-दुख़ान, आयत : 37। 4. इन आयतों में इन जातियों के विनाश की चर्चा करके क़ुरआन और नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को न मानने के परिणाम से सावधान किया गया है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 14

أَفَعَيِينَا بِٱلۡخَلۡقِ ٱلۡأَوَّلِۚ بَلۡ هُمۡ فِي لَبۡسٖ مِّنۡ خَلۡقٖ جَدِيدٖ

तो क्या हम प्रथम बार पैदा करके थक गए हैं? बल्कि वे नए पैदा किए जाने के बारे में संदेह में पड़े हुए हैं।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 15

وَلَقَدۡ خَلَقۡنَا ٱلۡإِنسَٰنَ وَنَعۡلَمُ مَا تُوَسۡوِسُ بِهِۦ نَفۡسُهُۥۖ وَنَحۡنُ أَقۡرَبُ إِلَيۡهِ مِنۡ حَبۡلِ ٱلۡوَرِيدِ

निःसंदेह हमने मनुष्य को पैदा किया और हम जानते हैं जो कुछ विचार उसके मन में आता है और हम उसके गले की उस नस से भी अधिक क़रीब हैं जो दिल से जुड़ी होती है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 16

إِذۡ يَتَلَقَّى ٱلۡمُتَلَقِّيَانِ عَنِ ٱلۡيَمِينِ وَعَنِ ٱلشِّمَالِ قَعِيدٞ

जब दो लेने वाले (उसके हर कथन और कर्म को) लेते हैं, जो दाहिनी और बाईं ओर बैठे हैं।[5]

तफ़्सीर:

5. अर्थात प्रत्येक व्यक्ति के दाएँ तथा बाएँ दो फ़रिश्ते नियुक्त हैं जो उसकी बातों तथा कर्मों को लिखते रहते हैं। जो दाएँ है वह पुण्य को लिखता है और जो बाएँ है वह पाप को लिखता है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 17

مَّا يَلۡفِظُ مِن قَوۡلٍ إِلَّا لَدَيۡهِ رَقِيبٌ عَتِيدٞ

वह कोई बात नहीं बोलता, परंतु उसके पास एक निरीक्षक तैयार रहता है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 18

وَجَآءَتۡ سَكۡرَةُ ٱلۡمَوۡتِ بِٱلۡحَقِّۖ ذَٰلِكَ مَا كُنتَ مِنۡهُ تَحِيدُ

और मौत की बेहोशी सत्य के साथ आ गई। यही है वह जिससे तू भागता था।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 19

وَنُفِخَ فِي ٱلصُّورِۚ ذَٰلِكَ يَوۡمُ ٱلۡوَعِيدِ

और सूर में फूँक दिया गया। यही यातना के वादे का दिन है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 20

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