कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَجَآءَتۡ كُلُّ نَفۡسٖ مَّعَهَا سَآئِقٞ وَشَهِيدٞ

तथा प्रत्येक व्यक्ति इस दशा में आएगा कि उसके साथ एक हाँकने वाला[6] और एक गवाह होगा।

तफ़्सीर:

6. ये दो फ़रिश्ते होंगे, एक उसे ह़िसाब के लिए हाँककर लाएगा, और दूसरा उसका कर्म पत्र प्रस्तुत करेगा।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 21

لَّقَدۡ كُنتَ فِي غَفۡلَةٖ مِّنۡ هَٰذَا فَكَشَفۡنَا عَنكَ غِطَآءَكَ فَبَصَرُكَ ٱلۡيَوۡمَ حَدِيدٞ

निःसंदेह तू इससे बड़ी ग़फ़लत में था। सो हमने तुझसे तेरा परदा हटा दिया। तो तेरी दृष्टि आज बड़ी पैनी है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 22

وَقَالَ قَرِينُهُۥ هَٰذَا مَا لَدَيَّ عَتِيدٌ

तथा उसका साथी[7] कहेगा : यह है (उसके कर्मों का विवरण) जो मेरे पास तैयार है।

तफ़्सीर:

7. साथी से अभिप्राय वह फ़रिश्ता है जो संसार में उसका कर्म लिख रहा था। वह उसका कर्म पत्र उपस्थित कर देगा।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 23

أَلۡقِيَا فِي جَهَنَّمَ كُلَّ كَفَّارٍ عَنِيدٖ

तुम दोनों नरक में फेंक दो हर बड़े कृतघ्न को, जो (सत्य से) बहुत दुराग्रह रखने वाला है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 24

مَّنَّاعٖ لِّلۡخَيۡرِ مُعۡتَدٖ مُّرِيبٍ

जो भलाई को बहुत रोकने वाला, सीमा को लाँघने वाला, संदेह करने वाला है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 25

ٱلَّذِي جَعَلَ مَعَ ٱللَّهِ إِلَٰهًا ءَاخَرَ فَأَلۡقِيَاهُ فِي ٱلۡعَذَابِ ٱلشَّدِيدِ

जिसने अल्लाह के साथ दूसरा पूज्य बना लिया। अतः तुम दोनों उसे कठोर यातना में डाल दो।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 26

۞قَالَ قَرِينُهُۥ رَبَّنَا مَآ أَطۡغَيۡتُهُۥ وَلَٰكِن كَانَ فِي ضَلَٰلِۭ بَعِيدٖ

उसका साथी (शैतान) कहेगा : ऐ हमारे पालनहार! मैंने उसे सरकश नहीं बनाया। परंतु वह खुद ही दूर की गुमराही में था।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 27

قَالَ لَا تَخۡتَصِمُواْ لَدَيَّ وَقَدۡ قَدَّمۡتُ إِلَيۡكُم بِٱلۡوَعِيدِ

(अल्लाह ने) फरमाया : मेरे पास झगड़ा मत करो। हालाँकि मैंने तो तुम्हारी ओर चेतावनी का संदेश पहले ही भेज दिया था।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 28

مَا يُبَدَّلُ ٱلۡقَوۡلُ لَدَيَّ وَمَآ أَنَا۠ بِظَلَّـٰمٖ لِّلۡعَبِيدِ

मेरे यहाँ बात बदली नहीं जाती[8] तथा मैं बंदों पर कदापि कोई अत्याचार करने वाला नहीं।

तफ़्सीर:

8. अर्थात मेरे नियम अनुसार कर्मों का प्रतिकार दिया गया है।

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 29

يَوۡمَ نَقُولُ لِجَهَنَّمَ هَلِ ٱمۡتَلَأۡتِ وَتَقُولُ هَلۡ مِن مَّزِيدٖ

जिस दिन हम जहन्नम से कहेंगे : क्या तू भर गया? और वह कहेगा : क्या कुछ और है?[9]

तफ़्सीर:

9. अल्लाह ने कहा है कि वह नरक को अवश्य भर देगा। (देखिए : सूरतुस-सजदा, आयत : 13)। और जब वह कहेगा कि क्या कुछ और है? तो अल्लाह उसमें अपना पैर रख देगा। और वह बस, बस कहने लगेगा। (बुख़ारी : 4848)

सूरह का नाम : Qaf   सूरह नंबर : 50   आयत नंबर: 30

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