कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

جُندٞ مَّا هُنَالِكَ مَهۡزُومٞ مِّنَ ٱلۡأَحۡزَابِ

(यह) एक तुच्छ सी सेना है, सेनाओं में से, जो वहाँ पराजित होने वाली है।[5]

तफ़्सीर:

5. अर्थात इन मक्का वासियों के पराजित होने में देर नहीं लगेगी।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 11

كَذَّبَتۡ قَبۡلَهُمۡ قَوۡمُ نُوحٖ وَعَادٞ وَفِرۡعَوۡنُ ذُو ٱلۡأَوۡتَادِ

इनसे पहले नूह की जाति तथा आद और मेखों वाले (शक्तिमान) फ़िरऔन ने झुठलाया।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 12

وَثَمُودُ وَقَوۡمُ لُوطٖ وَأَصۡحَٰبُ لۡـَٔيۡكَةِۚ أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلۡأَحۡزَابُ

तथा समूद और लूत की जाति तथा ऐका (उपवन) वालों[6] ने। यही लोग वे सेनाएँ हैं।

तफ़्सीर:

6. इससे अभिप्राय शुऐब (अलैहिस्सलाम) की जाति है। (देखिए : सूरतुश-शुअरा, आयत : 176)

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 13

إِن كُلٌّ إِلَّا كَذَّبَ ٱلرُّسُلَ فَحَقَّ عِقَابِ

इन सब ने रसूलों को झुठलाया, तो मेरी यातना सिद्ध हो गई।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 14

وَمَا يَنظُرُ هَـٰٓؤُلَآءِ إِلَّا صَيۡحَةٗ وَٰحِدَةٗ مَّا لَهَا مِن فَوَاقٖ

और ये लोग केवल एक सख़्त चीख की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसमें कोई विराम नहीं होगा।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 15

وَقَالُواْ رَبَّنَا عَجِّل لَّنَا قِطَّنَا قَبۡلَ يَوۡمِ ٱلۡحِسَابِ

तथा उन्होंने कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमें हमारा भाग हिसाब के दिन से पहले ही प्रदान कर दे।[7]

तफ़्सीर:

7. अर्थात वह उपहास स्वरूप कहते हैं कि प्रलय से पहले ही संसार में हमें यातना मिल जाए। अर्थ यह है कि हमें कोई यातना नहीं दी जाएगी।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 16

ٱصۡبِرۡ عَلَىٰ مَا يَقُولُونَ وَٱذۡكُرۡ عَبۡدَنَا دَاوُۥدَ ذَا ٱلۡأَيۡدِۖ إِنَّهُۥٓ أَوَّابٌ

वे जो कुछ कहते हैं उसपर सब्र करें, तथा हमारे बंदे दाऊद को याद करें, जो बड़ी शक्ति वाला था। निश्चय वह (अल्लाह की ओर) बहुत लौटने वाला था।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 17

إِنَّا سَخَّرۡنَا ٱلۡجِبَالَ مَعَهُۥ يُسَبِّحۡنَ بِٱلۡعَشِيِّ وَٱلۡإِشۡرَاقِ

निःसंदेह हमने पर्वतों को उसके साथ वशीभूत कर दिया था, वे शाम तथा सुबह तस्बीह (पवित्रता गान) करते थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 18

وَٱلطَّيۡرَ مَحۡشُورَةٗۖ كُلّٞ لَّهُۥٓ أَوَّابٞ

तथा पक्षियों को भी, जो एकत्र किए होते। सब उसकी ओर पलटने वाले थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 19

وَشَدَدۡنَا مُلۡكَهُۥ وَءَاتَيۡنَٰهُ ٱلۡحِكۡمَةَ وَفَصۡلَ ٱلۡخِطَابِ

और हमने उसके राज्य को मज़बूत किया और उसे हिकमत (नुबुव्वत) तथा निर्णायक बात कहने की क्षमता प्रदान की।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 20

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