कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

۞وَهَلۡ أَتَىٰكَ نَبَؤُاْ ٱلۡخَصۡمِ إِذۡ تَسَوَّرُواْ ٱلۡمِحۡرَابَ

तथा क्या आपके पास झगड़ने वालों का समाचार आया, जब वे दीवार फाँदकर उपासना-गृह में आ गए?

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 21

إِذۡ دَخَلُواْ عَلَىٰ دَاوُۥدَ فَفَزِعَ مِنۡهُمۡۖ قَالُواْ لَا تَخَفۡۖ خَصۡمَانِ بَغَىٰ بَعۡضُنَا عَلَىٰ بَعۡضٖ فَٱحۡكُم بَيۡنَنَا بِٱلۡحَقِّ وَلَا تُشۡطِطۡ وَٱهۡدِنَآ إِلَىٰ سَوَآءِ ٱلصِّرَٰطِ

जब वे दाऊद के पास अंदर आए, तो वह उनसे घबरा गया। उन्होंने कहा : डरिए नहीं। (हम) दो झगड़ने वाले हैं। हममें से एक ने दूसरे पर अत्याचार किया है। सो आप हमारे बीच सत्य के साथ न्याय कर दें, और अन्याय न करें, तथा हमारी सीधे मार्ग की ओर रहनुमाई करें।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 22

إِنَّ هَٰذَآ أَخِي لَهُۥ تِسۡعٞ وَتِسۡعُونَ نَعۡجَةٗ وَلِيَ نَعۡجَةٞ وَٰحِدَةٞ فَقَالَ أَكۡفِلۡنِيهَا وَعَزَّنِي فِي ٱلۡخِطَابِ

निःसंदेह यह मेरा भाई है। इसके पास निन्नानवे दुंबियाँ हैं और मेरे पास एक दुंबी है। तो इसने कहा कि इसे (भी) मुझे सौंप दे और इसने बात-चीत में मुझे दबा लिया।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 23

قَالَ لَقَدۡ ظَلَمَكَ بِسُؤَالِ نَعۡجَتِكَ إِلَىٰ نِعَاجِهِۦۖ وَإِنَّ كَثِيرٗا مِّنَ ٱلۡخُلَطَآءِ لَيَبۡغِي بَعۡضُهُمۡ عَلَىٰ بَعۡضٍ إِلَّا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ وَقَلِيلٞ مَّا هُمۡۗ وَظَنَّ دَاوُۥدُ أَنَّمَا فَتَنَّـٰهُ فَٱسۡتَغۡفَرَ رَبَّهُۥ وَخَرَّۤ رَاكِعٗاۤ وَأَنَابَ۩

उसने कहा : निःसंदेह उसने तेरी दुंबी को अपनी दुंबियों के साथ मिलाने की माँग करके तुझपर अत्याचार किया है। तथा निःसंदेह बहुत-से साझी निश्चय एक-दूसरे पर अत्याचार करते हैं। सिवाय उन लोगों के, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और ये लोग बहुत ही कम हैं। और दाऊद ने यक़ीन कर लिया कि हमने उसकी परीक्षा ली है। अतः उसने अपने पालनहार से क्षमा याचना की, तथा सजदे में गिर गया, और (अल्लाह की ओर) वापस लौटा।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 24

فَغَفَرۡنَا لَهُۥ ذَٰلِكَۖ وَإِنَّ لَهُۥ عِندَنَا لَزُلۡفَىٰ وَحُسۡنَ مَـَٔابٖ

तो हमने उसकी यह ग़लती क्षमा कर दी और निःसंदेह उसके लिए हमारे पास निश्चय बड़ी निकटता तथा अच्छा ठिकाना है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 25

يَٰدَاوُۥدُ إِنَّا جَعَلۡنَٰكَ خَلِيفَةٗ فِي ٱلۡأَرۡضِ فَٱحۡكُم بَيۡنَ ٱلنَّاسِ بِٱلۡحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ ٱلۡهَوَىٰ فَيُضِلَّكَ عَن سَبِيلِ ٱللَّهِۚ إِنَّ ٱلَّذِينَ يَضِلُّونَ عَن سَبِيلِ ٱللَّهِ لَهُمۡ عَذَابٞ شَدِيدُۢ بِمَا نَسُواْ يَوۡمَ ٱلۡحِسَابِ

ऐ दाऊद! हमने तुझे धरती में ख़लीफ़ा बनाया है। अतः लोगों के बीच सत्य के साथ निर्णय कर तथा इच्छा का अनुसरण न कर। अन्यथा, वह तुझे अल्लाह की राह से भटका देगी। निःसंदेह जो लोग अल्लाह की राह[8] से भटक जाते हैं, उनके लिए कठोर यातना है, इस कारण कि वे हिसाब के दिन को भूल गए।

तफ़्सीर:

8. अल्लाह की राह से अभिप्राय उसका धर्म-विधान है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 26

وَمَا خَلَقۡنَا ٱلسَّمَآءَ وَٱلۡأَرۡضَ وَمَا بَيۡنَهُمَا بَٰطِلٗاۚ ذَٰلِكَ ظَنُّ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْۚ فَوَيۡلٞ لِّلَّذِينَ كَفَرُواْ مِنَ ٱلنَّارِ

तथा हमने आकाश और धरती को तथा उन दोनों के बीच की चीज़ों को व्यर्थ नहीं पैदा किया। यह तो उन लोगों का गुमान है, जिन्होंने कुफ़्र किया। तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उनके लिए आग के रूप में बड़ा विनाश है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 27

أَمۡ نَجۡعَلُ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ كَٱلۡمُفۡسِدِينَ فِي ٱلۡأَرۡضِ أَمۡ نَجۡعَلُ ٱلۡمُتَّقِينَ كَٱلۡفُجَّارِ

क्या हम उन लोगों को जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, धरती में बिगाड़ पैदा करने वालों के समान कर देंगे? या क्या हम परहेज़गारों को दुराचारियों के समान[9] कर देंगे?

तफ़्सीर:

9. यह प्रश्न नकारात्मक है और अर्थ यह है कि दोनों का परिणाम समान नहीं होगा।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 28

كِتَٰبٌ أَنزَلۡنَٰهُ إِلَيۡكَ مُبَٰرَكٞ لِّيَدَّبَّرُوٓاْ ءَايَٰتِهِۦ وَلِيَتَذَكَّرَ أُوْلُواْ ٱلۡأَلۡبَٰبِ

यह (क़ुरआन) एक पुस्तक है, हमने इसे आपकी ओर उतारा है, बहुत बरकत वाली है, ताकि वे इसकी आयतों पर विचार करें, और ताकि बुद्धि वाले लोग (इससे) उपदेश ग्रहण करें।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 29

وَوَهَبۡنَا لِدَاوُۥدَ سُلَيۡمَٰنَۚ نِعۡمَ ٱلۡعَبۡدُ إِنَّهُۥٓ أَوَّابٌ

तथा हमने दाऊद को सुलैमान (नामक पुत्र) प्रदान किया। वह बहुत अच्छा बंदा था। निःसंदेह वह (अल्लाह की ओर) बहुत लौटने वाला था।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 30

नूजलेटर के लिए साइन अप करें