कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِذۡ عُرِضَ عَلَيۡهِ بِٱلۡعَشِيِّ ٱلصَّـٰفِنَٰتُ ٱلۡجِيَادُ

जब उसके समक्ष संध्या के समय असली तेज़गाम घोड़े प्रस्तुत किए गए।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 31

فَقَالَ إِنِّيٓ أَحۡبَبۡتُ حُبَّ ٱلۡخَيۡرِ عَن ذِكۡرِ رَبِّي حَتَّىٰ تَوَارَتۡ بِٱلۡحِجَابِ

तो उसने कहा : मैंने इस धन (घोड़ों) के प्रेम को अपने पालनहार की याद पर प्राथमिकता दी। यहाँ तक कि सूरज ग़ायब हो गया।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 32

رُدُّوهَا عَلَيَّۖ فَطَفِقَ مَسۡحَۢا بِٱلسُّوقِ وَٱلۡأَعۡنَاقِ

उन्हें मेरे पास वापस लाओ। फिर वह उनकी पिंडलियों तथा गर्दनों पर (तलवार) फेरने लगे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 33

وَلَقَدۡ فَتَنَّا سُلَيۡمَٰنَ وَأَلۡقَيۡنَا عَلَىٰ كُرۡسِيِّهِۦ جَسَدٗا ثُمَّ أَنَابَ

तथा निःसंदेह हमने सुलैमान की परीक्षा ली[10] और उसके सिंहासन पर एक शरीर डाल दिया। फिर वह अल्लाह की ओर पलटा।

तफ़्सीर:

10. ह़दीस के भाष्यकारों ने लिखा है कि सुलैमान अलैहिस्सलाम ने एक बार कहा कि मैं आज रात अपनी सभी पत्नियों जिनकी संख्या 70 अथवा 90 थी, से संभोग करूँगा। जिनसे योद्धा पैदा होंगे जो अल्लाह की राह मे जिहाद करेंगे। तथा उन्हों ने 'इन शा अल्लाह' (यदि अल्लाह ने चाहा) नहीं कहा। जिसका परिणाम यह हुआ कि केवल एक ही पत्नी गर्भवती हुई। और उसने भी अधूरे शिशु को जन्म दिया। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा : यदि वह 'इन शा अल्लाह' (यदि अल्लाह ने चाहा) कह देते, तो सब योद्धा पैदा होते। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 6639, सह़ीह़ मुस्लिम, ह़दीस संख्या : 1656)

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 34

قَالَ رَبِّ ٱغۡفِرۡ لِي وَهَبۡ لِي مُلۡكٗا لَّا يَنۢبَغِي لِأَحَدٖ مِّنۢ بَعۡدِيٓۖ إِنَّكَ أَنتَ ٱلۡوَهَّابُ

उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मुझे क्षमा कर दे तथा मुझे ऐसा राज्य प्रदान कर, जो मेरे बाद किसी के लिए उचित न हो। निश्चय तू ही बड़ा दाता है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 35

فَسَخَّرۡنَا لَهُ ٱلرِّيحَ تَجۡرِي بِأَمۡرِهِۦ رُخَآءً حَيۡثُ أَصَابَ

तो हमने वायु को उसके लिए वशीभूत कर दिया, जो उसके आदेश से कोमलता से चलती थी, जहाँ वह जाना चाहता।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 36

وَٱلشَّيَٰطِينَ كُلَّ بَنَّآءٖ وَغَوَّاصٖ

तथा शैतानों को, (भी वशीभूत कर दिया) जो हर प्रकार के कुशल निर्माता तथा माहिर ग़ोताख़ोर थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 37

وَءَاخَرِينَ مُقَرَّنِينَ فِي ٱلۡأَصۡفَادِ

तथा कुछ दूसरों को भी (वशीभूत कर दिया), जो बेड़ियों में इकट्ठे जकड़े हुए थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 38

هَٰذَا عَطَآؤُنَا فَٱمۡنُنۡ أَوۡ أَمۡسِكۡ بِغَيۡرِ حِسَابٖ

(ऐ सुलैमान!) यह हमारा प्रदान है। अब उपकार करो अथवा रोक रखो, कोई हिसाब न होगा।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 39

وَإِنَّ لَهُۥ عِندَنَا لَزُلۡفَىٰ وَحُسۡنَ مَـَٔابٖ

और निःसंदेह उसके लिए हमारे पास निश्चय बड़ी निकटता तथा अच्छा ठिकाना है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 40

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