कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱذۡكُرۡ عَبۡدَنَآ أَيُّوبَ إِذۡ نَادَىٰ رَبَّهُۥٓ أَنِّي مَسَّنِيَ ٱلشَّيۡطَٰنُ بِنُصۡبٖ وَعَذَابٍ

तथा हमारे बंदे अय्यूब को याद करो। जब उसने अपने पालनहार को पुकारा कि निःसंदेह शैतान ने मुझे दुःख तथा कष्ट पहुँचाया[11] है।

तफ़्सीर:

11. अर्थात मेरे दुःख तथा यातना के कारण मुझे शैतान उकसा रहा है तथा वह मुझे तेरी दया से निराश करना चाहता है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 41

ٱرۡكُضۡ بِرِجۡلِكَۖ هَٰذَا مُغۡتَسَلُۢ بَارِدٞ وَشَرَابٞ

अपना पाँव (धरती पर) मार। यह स्नान का तथा पीने का शीतल जल है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 42

وَوَهَبۡنَا لَهُۥٓ أَهۡلَهُۥ وَمِثۡلَهُم مَّعَهُمۡ رَحۡمَةٗ مِّنَّا وَذِكۡرَىٰ لِأُوْلِي ٱلۡأَلۡبَٰبِ

और हमने उसे उसके घर वाले दे दिए तथा उनके साथ उतने और भी। हमारी ओर से दया के रूप में और बुद्धि वालों के लिए उपदेश के रूप में।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 43

وَخُذۡ بِيَدِكَ ضِغۡثٗا فَٱضۡرِب بِّهِۦ وَلَا تَحۡنَثۡۗ إِنَّا وَجَدۡنَٰهُ صَابِرٗاۚ نِّعۡمَ ٱلۡعَبۡدُ إِنَّهُۥٓ أَوَّابٞ

तथा अपने हाथ में तिनकों का एक मुट्ठा ले और उससे मार दे और अपनी क़सम न तोड़।[12] निःसंदेह हमने उसे धैर्य करने वाला पाया, अच्छा बंदा था। निश्चय वह अल्लाह की तरफ़ बहुत ज़्यादा लौटने वाला था।

तफ़्सीर:

12. अय्यूब (अलैहिस्सलाम) की पत्नी से कुछ चूक हो गई, जिसपर उन्हों ने उसे सौ कोड़े मारने की शपथ ली थी।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 44

وَٱذۡكُرۡ عِبَٰدَنَآ إِبۡرَٰهِيمَ وَإِسۡحَٰقَ وَيَعۡقُوبَ أُوْلِي ٱلۡأَيۡدِي وَٱلۡأَبۡصَٰرِ

तथा हमारे बंदों इबराहीम और इसहाक़ और याक़ूब को याद करो, जो हाथों (शक्ति) वाले और आँखों (अंतर्दृष्टि)[13] वाले थे।

तफ़्सीर:

13. अर्थात आज्ञापालन में शक्तिवान तथा धर्म का बोध रखते थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 45

إِنَّآ أَخۡلَصۡنَٰهُم بِخَالِصَةٖ ذِكۡرَى ٱلدَّارِ

हमने उन्हें एक खास विशेषता के साथ चुन लिया, जो असल घर (आख़िरत) की याद है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 46

وَإِنَّهُمۡ عِندَنَا لَمِنَ ٱلۡمُصۡطَفَيۡنَ ٱلۡأَخۡيَارِ

और निःसंदेह वे हमारे निकट चुने हुए बेहतरीन लोगों में से थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 47

وَٱذۡكُرۡ إِسۡمَٰعِيلَ وَٱلۡيَسَعَ وَذَا ٱلۡكِفۡلِۖ وَكُلّٞ مِّنَ ٱلۡأَخۡيَارِ

तथा आप इसमाईल, अल-यसअ् एवं ज़ुल्-किफ़्ल को याद करें और ये सब बेहतरीन लोगों में से थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 48

هَٰذَا ذِكۡرٞۚ وَإِنَّ لِلۡمُتَّقِينَ لَحُسۡنَ مَـَٔابٖ

यह एक उपदेश है। तथा निश्चय ही डर रखने वालों के लिए अच्छा ठिकाना है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 49

جَنَّـٰتِ عَدۡنٖ مُّفَتَّحَةٗ لَّهُمُ ٱلۡأَبۡوَٰبُ

सदैव रहने के बाग़, इस हाल में कि उनके लिए द्वार पूरे खोले हुए होंगे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 50

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