कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

قَالُواْ رَبَّنَا مَن قَدَّمَ لَنَا هَٰذَا فَزِدۡهُ عَذَابٗا ضِعۡفٗا فِي ٱلنَّارِ

(फिर) वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! जो इसे हमारे आगे लाया है, तू उसे जहन्नम में दोगुनी यातना दे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 61

وَقَالُواْ مَا لَنَا لَا نَرَىٰ رِجَالٗا كُنَّا نَعُدُّهُم مِّنَ ٱلۡأَشۡرَارِ

तथा वे कहेंगे : हमें क्या हुआ कि हम उन लोगों को नहीं देख रहे हैं, जिनकी गणना हम बुरे लोगों में किया करते थे?[15]

तफ़्सीर:

15. इससे उनका संकेत उन निर्धन-निर्बल मुसलमानों की ओर होगा जिन्हें वे संसार में उपद्रवी कह रहे थे।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 62

أَتَّخَذۡنَٰهُمۡ سِخۡرِيًّا أَمۡ زَاغَتۡ عَنۡهُمُ ٱلۡأَبۡصَٰرُ

क्या हमने उन्हें मज़ाक़ बनाए रखा, या हमारी आँखें उनसे फिर गई हैं?

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 63

إِنَّ ذَٰلِكَ لَحَقّٞ تَخَاصُمُ أَهۡلِ ٱلنَّارِ

निःसंदेह यह जहन्नमियों का आपस में झगड़ना निश्चय सत्य है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 64

قُلۡ إِنَّمَآ أَنَا۠ مُنذِرٞۖ وَمَا مِنۡ إِلَٰهٍ إِلَّا ٱللَّهُ ٱلۡوَٰحِدُ ٱلۡقَهَّارُ

(ऐ नबी!) आप कह दें : मैं तो मात्र एक डराने वाला[16] हूँ, तथा अल्लाह के सिवा कोई (सच्चा) पूज्य नहीं, जो एक है, परम प्रभुत्वशाली है।

तफ़्सीर:

16. क़ुरआन ने इसे बहुत-सी आयतों में दुहराया है कि नबियों का कर्तव्य मात्र सत्य को पहुँचाना है। किसी को बलपूर्वक सत्य को मनवाना नहीं है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 65

رَبُّ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا بَيۡنَهُمَا ٱلۡعَزِيزُ ٱلۡغَفَّـٰرُ

जो आकाशों का तथा धरती का पालनहार है और उन चीज़ों का जो उन दोनों के बीच है, सब पर प्रभुत्वशाली, अत्यंत क्षमाशील है।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 66

قُلۡ هُوَ نَبَؤٌاْ عَظِيمٌ

आप कह दें कि वह[17] एक बहुत बड़ी सूचना है।

तफ़्सीर:

17. परलोक की यातना तथा तौहीद (एकेश्वरवाद) की जो बातें तुम्हें बता रहा हूँ।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 67

أَنتُمۡ عَنۡهُ مُعۡرِضُونَ

जिससे तुम मुँह फेरने वाले हो।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 68

مَا كَانَ لِيَ مِنۡ عِلۡمِۭ بِٱلۡمَلَإِ ٱلۡأَعۡلَىٰٓ إِذۡ يَخۡتَصِمُونَ

मुझे उच्च सभा (मलए आ'ला) का कभी कुछ ज्ञान नहीं, जब वे वाद-विवाद करते हैं।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 69

إِن يُوحَىٰٓ إِلَيَّ إِلَّآ أَنَّمَآ أَنَا۠ نَذِيرٞ مُّبِينٌ

मेरी ओर तो मात्र इसलिए वह़्य (प्रकाशना) की जाती है कि मैं खुला सचेत करने वाला हूँ।

सूरह का नाम : Saad   सूरह नंबर : 38   आयत नंबर: 70

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