قَالَ مَا خَطۡبُكُنَّ إِذۡ رَٰوَدتُّنَّ يُوسُفَ عَن نَّفۡسِهِۦۚ قُلۡنَ حَٰشَ لِلَّهِ مَا عَلِمۡنَا عَلَيۡهِ مِن سُوٓءٖۚ قَالَتِ ٱمۡرَأَتُ ٱلۡعَزِيزِ ٱلۡـَٰٔنَ حَصۡحَصَ ٱلۡحَقُّ أَنَا۠ رَٰوَدتُّهُۥ عَن نَّفۡسِهِۦ وَإِنَّهُۥ لَمِنَ ٱلصَّـٰدِقِينَ
राजा ने (उन स्त्रियों से) पूछा : तुम्हारा क्या मामला था, जब तुमने यूसुफ़ के मन को रिझाया था? उन्होंने कहा : अल्लाह की पनाह! हमने उसमें कोई बुराई नहीं देखी। तब अज़ीज़ की पत्नी बोल उठी : अब सत्य खूब उजागर हो गया। मैंने ही उसके मन को रिझाया था और निःसंदेह वह सच्चा में से है।[15]
ذَٰلِكَ لِيَعۡلَمَ أَنِّي لَمۡ أَخُنۡهُ بِٱلۡغَيۡبِ وَأَنَّ ٱللَّهَ لَا يَهۡدِي كَيۡدَ ٱلۡخَآئِنِينَ
(मैंने) यह इसलिए किया, ताकि वह जान ले कि मैंने उसकी अनुपस्थिति में उसके साथ विश्वासघात नहीं किया और निःसंदेह अल्लाह विश्वासघातियों के चाल को (सफलता का) मार्ग नहीं दिखाता।
۞وَمَآ أُبَرِّئُ نَفۡسِيٓۚ إِنَّ ٱلنَّفۡسَ لَأَمَّارَةُۢ بِٱلسُّوٓءِ إِلَّا مَا رَحِمَ رَبِّيٓۚ إِنَّ رَبِّي غَفُورٞ رَّحِيمٞ
और मैं खुद को बरी नहीं करती, निःसंदेह मन तो बुराई का बहुत आदेश देने वाला है, सिवाय उसके जिसपर मेरा पालनहार दया करे। निःसंदेह मेरा पालनहार अति क्षमाशील, अत्यंत दयावान् है।
وَقَالَ ٱلۡمَلِكُ ٱئۡتُونِي بِهِۦٓ أَسۡتَخۡلِصۡهُ لِنَفۡسِيۖ فَلَمَّا كَلَّمَهُۥ قَالَ إِنَّكَ ٱلۡيَوۡمَ لَدَيۡنَا مَكِينٌ أَمِينٞ
और राजा ने कहा : उसे मेरे पास लाओ, उसे मैं अपने लिए विशेष कर लूँ और जब (राजा ने) उन (यूसुफ़) से बात की, तो कहा : निःसंदेह आप आज हमारे यहाँ पदाधिकारी, विश्वसनीय हैं।
قَالَ ٱجۡعَلۡنِي عَلَىٰ خَزَآئِنِ ٱلۡأَرۡضِۖ إِنِّي حَفِيظٌ عَلِيمٞ
(यूसुफ़) ने कहा : मुझे इस देश के ख़ज़ानों पर नियुक्त कर दीजिए। निःसंदेह मैं संरक्षण करने वाला, बड़ा जानकार हूँ।
وَكَذَٰلِكَ مَكَّنَّا لِيُوسُفَ فِي ٱلۡأَرۡضِ يَتَبَوَّأُ مِنۡهَا حَيۡثُ يَشَآءُۚ نُصِيبُ بِرَحۡمَتِنَا مَن نَّشَآءُۖ وَلَا نُضِيعُ أَجۡرَ ٱلۡمُحۡسِنِينَ
और इसी प्रकार, हमने यूसुफ़ को उस धरती (देश) में अधिकार प्रदान किया। वह उसमें जहाँ चाहते, रहते थे। हम अपनी दया जिसे चाहें, प्रदान करते हैं और हम सदाचारियों का प्रतिफल नष्ट नहीं करते।
وَلَأَجۡرُ ٱلۡأٓخِرَةِ خَيۡرٞ لِّلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَكَانُواْ يَتَّقُونَ
और निश्चय आख़िरत का बदला उन लोगों के लिए अधिक बेहतर है, जो ईमान लाए और अल्लाह से डरते रहे।
وَجَآءَ إِخۡوَةُ يُوسُفَ فَدَخَلُواْ عَلَيۡهِ فَعَرَفَهُمۡ وَهُمۡ لَهُۥ مُنكِرُونَ
और यूसुफ़ के भाई आए[16], फिर वे उसके पास गए, तो उसने उन्हें पहचान लिया, जबकि वे उसे पहचान नहीं सके।
وَلَمَّا جَهَّزَهُم بِجَهَازِهِمۡ قَالَ ٱئۡتُونِي بِأَخٖ لَّكُم مِّنۡ أَبِيكُمۡۚ أَلَا تَرَوۡنَ أَنِّيٓ أُوفِي ٱلۡكَيۡلَ وَأَنَا۠ خَيۡرُ ٱلۡمُنزِلِينَ
और जब उनका सामान तैयार कर दिया, तो कहा : मेरे पास अपने उस भाई[17] को लेकर आना जो तुम्हारे बाप की ओर से है। क्या तुम नहीं देखते कि मैं पूरी माप देता हूँ तथा मैं उत्तम अतिथि-सत्कार करने वाला हूँ?
فَإِن لَّمۡ تَأۡتُونِي بِهِۦ فَلَا كَيۡلَ لَكُمۡ عِندِي وَلَا تَقۡرَبُونِ
फिर यदि तुम उसे मेरे पास न लाए, तो तुम्हारे लिए मेरे पास न कोई माप होगा और न तुम मेरे पास आना।