कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

قَالَ خُذۡهَا وَلَا تَخَفۡۖ سَنُعِيدُهَا سِيرَتَهَا ٱلۡأُولَىٰ

फरमाया : इसे पकड़ ले और डर मत, जल्द ही हम इसे इसकी प्रथम स्थिति में लौटा देंगे।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 21

وَٱضۡمُمۡ يَدَكَ إِلَىٰ جَنَاحِكَ تَخۡرُجۡ بَيۡضَآءَ مِنۡ غَيۡرِ سُوٓءٍ ءَايَةً أُخۡرَىٰ

और अपना हाथ अपनी कांख (बग़ल) की ओर लगा दे, वह बिना किसी दोष के सफेद (चमकता हुआ) निकलेगा, जबकि यह एक और निशानी है।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 22

لِنُرِيَكَ مِنۡ ءَايَٰتِنَا ٱلۡكُبۡرَى

ताकि हम तुझे अपनी कुछ बड़ी निशानियाँ दिखाएँ।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 23

ٱذۡهَبۡ إِلَىٰ فِرۡعَوۡنَ إِنَّهُۥ طَغَىٰ

फ़िरऔन के पास जा, निश्चय वह सरकश हो गया है।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 24

قَالَ رَبِّ ٱشۡرَحۡ لِي صَدۡرِي

उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए मेरा सीना खोल दे।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 25

وَيَسِّرۡ لِيٓ أَمۡرِي

तथा मेरे लिए मेरा काम सरल कर दे।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 26

وَٱحۡلُلۡ عُقۡدَةٗ مِّن لِّسَانِي

और मेरी ज़बान की गाँठ खोल दे।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 27

يَفۡقَهُواْ قَوۡلِي

ताकि वे मेरी बात समझ लें।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 28

وَٱجۡعَل لِّي وَزِيرٗا مِّنۡ أَهۡلِي

तथा मेरे लिए मेरे अपने घरवालों में से एक सहायकबना दे।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 29

هَٰرُونَ أَخِي

हारून को, जो मेरा भाई है।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 30

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