कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱصۡطَنَعۡتُكَ لِنَفۡسِي

और मैंने तुझे विशेष रूप से अपने लिए बनाया है।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 41

ٱذۡهَبۡ أَنتَ وَأَخُوكَ بِـَٔايَٰتِي وَلَا تَنِيَا فِي ذِكۡرِي

तू और तेरा भाई मेरी निशानियाँ लेकर जाओ और मुझे याद करने में आलस्य न करो।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 42

ٱذۡهَبَآ إِلَىٰ فِرۡعَوۡنَ إِنَّهُۥ طَغَىٰ

तुम दोनों फ़िरऔन के पास जाओ, निःसंदेह वह सरकश हो गया है।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 43

فَقُولَا لَهُۥ قَوۡلٗا لَّيِّنٗا لَّعَلَّهُۥ يَتَذَكَّرُ أَوۡ يَخۡشَىٰ

तो उससे कोमल बात करो, आशा है कि वह उपदेश ग्रहण करे, या (अल्लाह से) डर जाए।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 44

قَالَا رَبَّنَآ إِنَّنَا نَخَافُ أَن يَفۡرُطَ عَلَيۡنَآ أَوۡ أَن يَطۡغَىٰ

दोनों ने कहा : ऐ हमारे पालनहार! निश्चय ह डरते हैं कि वह हमपर अत्याचार करेगा, या हद से बढ़ जाएगा।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 45

قَالَ لَا تَخَافَآۖ إِنَّنِي مَعَكُمَآ أَسۡمَعُ وَأَرَىٰ

फरमाया : डरो मत, मैं तुम्हारे साथ हूँ, सब कुछ सुन रहा हूँ और सब कुछ देख रहा हूँ।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 46

فَأۡتِيَاهُ فَقُولَآ إِنَّا رَسُولَا رَبِّكَ فَأَرۡسِلۡ مَعَنَا بَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ وَلَا تُعَذِّبۡهُمۡۖ قَدۡ جِئۡنَٰكَ بِـَٔايَةٖ مِّن رَّبِّكَۖ وَٱلسَّلَٰمُ عَلَىٰ مَنِ ٱتَّبَعَ ٱلۡهُدَىٰٓ

अतः तुम दोनों उसके पास जाओ और कहो : हम तेरे पालनहार के रसूल हैं। अतः तू हमारे साथ बनी इसराईल को भेज दे और उन्हें यातना न दे, निश्चय हम तेरे पास तेरे पालनहार की ओर से एक निशानी लेकर आए हैं और सलामती है उसके लिए, जो मार्गदर्शन का अनुसरण करे।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 47

إِنَّا قَدۡ أُوحِيَ إِلَيۡنَآ أَنَّ ٱلۡعَذَابَ عَلَىٰ مَن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ

निःसंदेह हमारी ओर वह़्य (प्रकाशना) की गई है कि निश्चय ही यातना उसके लिए है, जिसने झुठलाया और मुँह फेरा।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 48

قَالَ فَمَن رَّبُّكُمَا يَٰمُوسَىٰ

उसने कहा : तुम दोनों का पालनहार कौन है, ऐ मूसा!?

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 49

قَالَ رَبُّنَا ٱلَّذِيٓ أَعۡطَىٰ كُلَّ شَيۡءٍ خَلۡقَهُۥ ثُمَّ هَدَىٰ

(मूसा ने) कहा : हमारा पालनहार वह है, जिसने हर चीज़ को उसका आकार और रूप दिया, फिर रास्ता दिखाया।[12]

तफ़्सीर:

12. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह ने प्रत्येक जीव-जंतु के योग्य उसका रूप बनाया। और उसके जीवन की आवश्यकता के अनुसार उसे खाने-पीने तथा निवास की विधि समझा दी है।

सूरह का नाम : Ta-Ha   सूरह नंबर : 20   आयत नंबर: 50

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