कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ٱتَّبِعُواْ مَن لَّا يَسۡـَٔلُكُمۡ أَجۡرٗا وَهُم مُّهۡتَدُونَ

तुम उनका अनुसरण करो, जो तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगते तथा वे सीधे मार्ग पर हैं।

وَمَا لِيَ لَآ أَعۡبُدُ ٱلَّذِي فَطَرَنِي وَإِلَيۡهِ تُرۡجَعُونَ

तथा मुझे क्या हुआ है कि मैं उसकी इबादत न करूँ, जिसने मुझे पैदा किया है और तुम (सब) उसी की ओर लौटाए जाओगे?[8]

ءَأَتَّخِذُ مِن دُونِهِۦٓ ءَالِهَةً إِن يُرِدۡنِ ٱلرَّحۡمَٰنُ بِضُرّٖ لَّا تُغۡنِ عَنِّي شَفَٰعَتُهُمۡ شَيۡـٔٗا وَلَا يُنقِذُونِ

क्या मैं उसे छोड़कर दूसरे पूज्य बना लूँ? यदि रहमान (अत्यंत दयावान् अल्लाह) मुझे कोई हानि पहुँचाना चाहे, तो उनकी सिफ़ारिश मुझे कुछ लाभ नहीं पहुँचा सकेगी और न वे मुझे बचा सकेंगे।

إِنِّيٓ إِذٗا لَّفِي ضَلَٰلٖ مُّبِينٍ

निःसंदेह मैं उस समय खुली गुमराही में हूँगा।

إِنِّيٓ ءَامَنتُ بِرَبِّكُمۡ فَٱسۡمَعُونِ

निःसंदेह मैं तुम्हारे पालनहार पर ईमान ले आया। अतः मेरी बात सुनो।

قِيلَ ٱدۡخُلِ ٱلۡجَنَّةَۖ قَالَ يَٰلَيۡتَ قَوۡمِي يَعۡلَمُونَ

(उससे) कहा गया : जन्नत में प्रवेश कर जा। उसने कहा : काश मेरी जाति भी जान लेती!

بِمَا غَفَرَ لِي رَبِّي وَجَعَلَنِي مِنَ ٱلۡمُكۡرَمِينَ

कि मेरे पालनहार ने मुझे क्षमा[9] कर दिया और मुझे सम्मानित लोगों में शामिल कर दिया।

۞وَمَآ أَنزَلۡنَا عَلَىٰ قَوۡمِهِۦ مِنۢ بَعۡدِهِۦ مِن جُندٖ مِّنَ ٱلسَّمَآءِ وَمَا كُنَّا مُنزِلِينَ

तथा हमने उसके पश्चात् उसकी जाति पर आकाश से कोई सेना नहीं उतारी और न हम उतारने वाले थे।[10]

إِن كَانَتۡ إِلَّا صَيۡحَةٗ وَٰحِدَةٗ فَإِذَا هُمۡ خَٰمِدُونَ

वह तो मात्र एक तेज़ आवाज़ (चिंघाड़) थी। फिर एकाएक वे बुझे हुए थे।[11]

يَٰحَسۡرَةً عَلَى ٱلۡعِبَادِۚ مَا يَأۡتِيهِم مِّن رَّسُولٍ إِلَّا كَانُواْ بِهِۦ يَسۡتَهۡزِءُونَ

हाय अफसोस है[12] बंदों पर! उनके पास जो भी रसूल आता, वे उसका उपहास किया करते थे।

नूजलेटर के लिए साइन अप करें