कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

أَوَلَيۡسَ ٱلَّذِي خَلَقَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَ بِقَٰدِرٍ عَلَىٰٓ أَن يَخۡلُقَ مِثۡلَهُمۚ بَلَىٰ وَهُوَ ٱلۡخَلَّـٰقُ ٱلۡعَلِيمُ

तथा क्या वह (अल्लाह) जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया, इस बात का सामर्थ्य नहीं रखता कि उन जैसे और पैदा कर दे? क्यों नहीं, और वही सब कुछ पैदा करने वाला, सब कुछ जानने वाला है?

सूरह का नाम : Ya-Sin   सूरह नंबर : 36   आयत नंबर: 81

إِنَّمَآ أَمۡرُهُۥٓ إِذَآ أَرَادَ شَيۡـًٔا أَن يَقُولَ لَهُۥ كُن فَيَكُونُ

उसका आदेश, जब वह किसी चीज़ का इरादा करता है, तो केवल यह होता है कि उससे कहता है "हो जा", तो वह हो जाती है।

सूरह का नाम : Ya-Sin   सूरह नंबर : 36   आयत नंबर: 82

فَسُبۡحَٰنَ ٱلَّذِي بِيَدِهِۦ مَلَكُوتُ كُلِّ شَيۡءٖ وَإِلَيۡهِ تُرۡجَعُونَ

अतः पवित्र है वह (अल्लाह), जिसके हाथ में प्रत्येक चीज़ का राज्य (पूर्ण अधिकार) है और तुम सब उसी की ओर लौटाए[26] जाओगे।

तफ़्सीर:

26. प्रलय के दिन अपने कर्मों का बदला प्राप्त करने के लिए।

सूरह का नाम : Ya-Sin   सूरह नंबर : 36   आयत नंबर: 83

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